प्रथम खंड
:
1.
भूगोल
अफ्रीका संसार के बड़े से बड़े महाद्वीपों में से एक है। हिंदुस्तान भी एक
महाद्वीप के जैसे देश माना जाता है। परंतु अफ्रीका के भू-भाग में से केवल
क्षेत्रफल की दृष्टि से चार या पाँच हिंदुस्तान बन सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका
अफ्रीका के ठेठ दक्षिण विभाग में स्थित है। हिंदुस्तान के समान अफ्रीका भी एक
प्रायद्वीप ही है। इसलिए दक्षिण अफ्रीका का बड़ा भाग समुद्र से घिरा हुआ है।
अफ्रीका के बारे में सामान्यतः यह माना जाता है कि वहाँ ज्यादा से ज्यादा
गर्मी पड़ती है और एक दृष्टि से यह बात सच है। भू-मध्य रेखा अफ्रीका के मध्य से
होकर जाती है और इन रेखाओं के आसपास में पड़ने वाली गर्मी की कल्पना हिंदुस्तान
के लोगों को नहीं आ सकती। ठेठ हिंदुस्तान के दक्षिण में जिस गर्मी का अनुभव हम
लोग करते हैं, उससे हमें भू-मध्य रेखा के आसपास के प्रदेशों की गर्मी की थोड़ी
कल्पना हो सकती है। परंतु दक्षिण अफ्रीका में ऐसा कुछ नहीं है, क्योंकि वह
भू-भाग भूमध्य रेखा से बहुत दूर है। उसके बहुत बड़े भाग की आबहवा इतनी सुंदर और
ऐसी समशीतोष्ण है कि वहाँ यूरोप की जातियाँ आराम से रह-बस सकती हैं, जबकि
हिंदुस्तान में बसना उनके लिए लगभग असंभव है। फिर, दक्षिण अफ्रीका में तिब्बत
अथवा कश्मीर जैसे बड़े-ऊँचे प्रदेश तो हैं, परंतु वे तिब्बत अथवा कश्मीर की तरह
दस से चौदह हजार फुट ऊँचे नहीं हैं। इसलिए वहाँ की आबहवा सूखी और सहन हो सके
इतनी ठंडी रहती है। यही कारण है कि दक्षिण अफ्रीका के कुछ भाग क्षय से पीड़ित
रोगियों के लिए अति उत्तम माने जाते हैं। ऐसे भागों में से एक भाग दक्षिण
अफ्रीका की सुवर्णपुरी जोहानिसबर्ग है। वह आज से 50 वर्ष पहले बिलकुल वीरान और
सूखे घासवाला प्रदेश था। परंतु जब वहाँ सोने के खदानों की खोज हुई तब मानों
जादू के प्रताप से टपाटप घर बाँधे जाने लागे और आज तो वहाँ असंख्य विशाल
सुशोभित प्रसाद खड़े हो गए हैं। वहाँ के धनी लोगों ने स्वयं पैसा खर्च करके
दक्षिण अफ्रीका के उपजाऊ भागों से और यूरोप से भी, एक-एक पेड़ के पंद्रह-पंद्रह
रुपये देकर, पेड़ मँगाए हैं और वहाँ लगाए हैं। पिछला इतिहास न जानने वाले
यात्री को आज वहाँ जाने पर ऐसा ही लगेगा कि ये पेड़ उस शहर में जमानों से चले आ
रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के सारे विभागों का वर्णन मैं यहाँ नहीं देना चाहता। जिन
विभागों का हमारे विषय के साथ संबंध है, उन्हीं का थोड़ा वर्णन मैं यहाँ देता
हूँ। दक्षिण अफ्रीका में दो हुकूमतें हैं। (1) ब्रिटिश (2) पुर्तगाली। पुर्तगाली भाग डेलागोआ बे कहा जाता है। हिंदुस्तान से जाने वाले जहाजों के लिए
वह दक्षिण अफ्रीका का पहला बंदरगाह कहा जाएगा। वहाँ से दक्षिण की ओर आगे बढ़ें
तो पहला ब्रिटिश उपनिवेश नेटाल आता है।
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